महालक्ष्मी अष्टकम



महालक्ष्मी अष्टकम

नमस्तेस्तु   महामाये  श्रीपीठे  सुरपूजिते।

शंखचक्रगदाहस्ते  महालक्ष्मी  नमोस्तुते॥

नमस्ते  गरुडारुढे   कोलासूरभयंकरी।

सर्वपापहरे  देवी  महालक्ष्मी  नमोस्तुते॥

सर्वज्ञे  सर्ववरदे  सर्वदुष्टभयंकरी।

सर्वदुःखहरे  देवी  महालक्ष्मी  नमोस्तुते॥

सिद्धिबुद्धिप्रदे देवी भुक्तिमुक्तिप्रदायिनी।

मन्त्रपूते  सदा  देवी  महालक्ष्मी  नमोस्तुते॥

आध्यान्तराहित  देवी आदयशक्ति महेश्वरी।

योगजे  योगसम्भूते  महालक्ष्मी  नमोस्तुते॥

स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे  महा शक्ति महोदरे।

महापापहरे  देवी महालक्ष्मी  नमोस्तुते॥

पद्द्न्यासनस्थिते देवी परब्रह्मस्वरूपिणी।

परमेशी   जगन्मातर्महालाक्ष्मी नमोस्तुते॥

श्वेताम्बरधरे देवी नानालंकारभूषिते।

जगतस्थिते  जगन्मातर्महालाक्ष्मी नमोस्तुते॥

महालक्ष्म्यष्टकं  स्तोत्रं  यः  पठेभ्दक्तिमान  नरः।

सर्वसिद्धिमवाप्नोती  राज्यं  प्राप्नोति  सर्वदा ॥

एककाले  पठेन्नित्यं  महापापविनाशनम।

व्दिकालम  यः  पठेन्नित्यं  धनधान्यसमन्वितः।

त्रिकाल  यः  पठेन्नित्यं  महाशत्रुविनाशनम।

महालक्ष्मिर्भवेन्नित्यम  प्रसन्न  वरदा शुभ ॥

ll श्री आद्यशंकाराचार्यविरचित महालक्ष्मी अष्टक संपुर्णम्  ll

श्री सद्गुरुचरर्णार्पणमस्तु l श्री स्वामी समर्थ महाराज की जय ll

महत्त्वाची सुचना... 

इष्ट कार्यसिद्धीसाठी संबंधित वरील अष्टक सिद्ध करण्याहेतुने आवश्यक असलेली विनियोग व गोपनीय अनुष्ठान पद्धती फक्त संस्थेच्या सक्रीय सभासदांसाठीच उपलब्ध आहे.

संपर्क : श्री. कुलदीप निकम
भ्रमणध्वनी : 9619011227

GET FRESH CONTENT DELIVERED BY EMAIL:


FOR JOINING WITH US VISIT: दत्तप्रबोधिनी सभासदत्व माहीती